मुआवजा योजना २०१८, पीड़ित महिलाओं यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के शिकार पीड़ितों / बचे लोगों के लिए
मुआवजा योजना २०१८, पीड़ित महिलाओं यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के शिकार पीड़ितों / बचे लोगों के लिए
एक सक्षम एवं समान मुआवजा योजना के अभाव मे कई बलात्कारी पीड़ितमुआवजा पाने में नाकाम रहे और यही सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप का कारण बन गया।
सर्वोच्च न्यालय द्वारा गठित,न्यायाधिस जे जे एमबी लोकुर, एस. नज़ीर और दीपक गुप्ता, बेंच द्वारा पारित एक आदेश दिनांक sept 05, 2018 के अनुसार ,बलात्कार पीड़ित को न्यनतम 4 लाख और गैंग रेप के मामले मै 5 लाख रुपयेको अनिवार्य न्यूनतम मुआवजा मिलेगा।
केन्द्र के परामर्श से राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई योजना को अक्टूबर ,2018 से आदेश लागू करने के लिए राज्यों को निर्देशित किया गया है ।
इस योजना के तहत दी गई मौद्रिक राहत परीक्षण कार्यवाही से जुड़ी नहीं है और उत्तरजीवी एफआईआर के पंजीकरण के तुरंत बाद मुआवजे के लिए राज्य या जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण से संपर्क कर सकती है।
यह योजना जीवित हमलों और एसिड हमले के मामलों के बारे में सुओ मोटो संज्ञान लेने के लिए कानूनी सेवाओं के अधिकार को अधिकार देती है ताकि बचे लोगों को अंतरिम राहत मिल सके।
बलात्कार या यौन हमले के बचे हुए लोगों को पीड़ितों के साथ मुआवजा मिलेगा।
एनएएलएसए योजना 02 अक्टूबर, 2018 से मामूली पीड़ितों के लिए लागू की जाएगी जब तक कि केंद्र पीओसीएसओ के तहत मुआवजे के दिशानिर्देशों को तैयार न करे।